नेशनल एक्सपर्ट – श्री बृजेश माहेश्वरी,
निदेशक
एलेन कॅरिअर इंस्टीट्यूट
आप कॅरिअर में नेशनल लेवल के क्वालिटी इंस्टीट्यूट से अच्छे टेक्नोक्रेट या इंजीनियर बनने की तैयारी कर रहे हैं तो एक या दो वर्ष से की जा रही आपकी साधना और तपस्या मंजिल तक अवश्य पहुंचाएगी। बस, अगले दो-तीन माह एकाग्रता के साथ रिहर्सल करने में जुट जाएं। इन दिनों केवल स्वयं की तैयारी पर फोकस करें। पैटर्न चाहे जो भी हों, सब्जेक्ट तो वही रहेंगे। इसलिए जीत से कोई रोक नहीं सकता। आप समय की नब्ज और ताकत को ठीक से पहचानें। जोश और होश में पूरा तालमेल रखें। विल के साथ अपनी पाॅवर भी जोड़ दें। कोशिश करें कि मोबाइल, फेसबुक, वाट्सएप या मूवी आदि से दूर रहें। नेचुुरल स्किल के साथ तनावरहित होकर नियमित शैड्यूल के अनुसार पढें। अपनी चाहत को हकीकत में बदलने के लिए हमारी मुस्कान ही सबसे अच्छा टाॅनिक है। नए साल में जोश-जुनून और पाॅजिटिव एनर्जी के साथ सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण इम्तिहान देने के लिए कुछ प्रभावी मंत्र-
ऐसे करें डे-प्लानिंग –
जेईई-मेन देश का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम है। इसमें विषय की गहराई की तुलना में विस्तार को अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें कठिन एवं जटिल प्रश्नों की संख्या नगण्य होती है जबकि स्पष्ट एवं पारम्परिक प्रश्नों की बहुतायत होती है, ऐसेे प्रश्न विषय की ठीक-ठीक जानकारी रखने वाले विद्यार्थी के लिए सम्भव होता है। इसमें सभी टाॅपिक्स को कवर करने का प्रयास होता है, न कि जेईई-एडवांस्ड की तरह जिसमें कुछ खास टाॅपिक्स को अधिक अहमियत दी जाती है। जेईई-मेन में लगभग हर चेप्टर से 1-2 प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। इसलिए सारे चेप्टर एवं टाॅपिक्स को कवर करते हुए तैयारी करें। इन दिनों रिवाइज करते समय निम्न बिंदुओं का विशेष घ्यान रखें-
1. यदि कोई चेप्टर किसी कारणवश पढ़ने से रह गया हो तो उसे पूरा करें। चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं, केवल प्रयास करें। आप स्वयं भी चेप्टर तैयार कर सकते हैं और यदि कोई हेल्प मिल जाए तो और अच्छा। चेप्टर तैयार करने का सरल सा तरीका है- पहले थ्योरी पढ़े, उसमें आए प्रत्येक रिजल्ट, थ्योरम को डिराइव करें। उसके लाॅजिकल पहलू पर विचार करें, उसके पश्चात् उस पर आधारित प्रश्न करें। ध्यान रहे, कोई चेप्टर छूटना नहीं चाहिए।
2. जेईई-मेन में पिछले सालों के जेईई-एडवांस्ड के प्रश्नों को पूछे जाने का चलन है। इसलिए पिछले 15-20 वर्षों के जेईई-एडवांस्ड के पेपर करना अत्यंत फायदेमंद रहता है। साथ ही पिछले वर्षों के जेईई-मेन आॅफलाइन या आॅनलाइन के पेपर्स भी टेस्ट के तौर पर नियमित अंतराल में (2-4 दिन में एक) देते रहना चाहिए। इससे हमें हमारी तैयारी करने की दिशा तय करने में मदद मिलती है और तैयारी के स्तर का आंकलन करने का मौका भी मिलता है।
3. रिवीजन शुरू करने से पहले रिवीजन का पूरा शैड्यूल बना लें। मैथ्स में लगभग 32 चेप्टर हैं, जिनके लिए लगभग 40 से 50 दिन का समय पर्याप्त है। हर चेप्टर की थ्योरी को रिवाइज करें। फाॅर्मूला थ्योरम आदि याद करें। फिर प्रत्येक चेप्टर पर आधारित अपने पहले से किए हुए ऐसे प्रश्न जो पहली बार में नहीं हुए, उन्हें करते हुए जाएं। यह सुनिश्चित करें कि यह सब 25 मार्च तक समाप्त हो जाए।
4. जेईई-मेन में स्पीड का बहुत महत्व है। स्पीड बढ़ाने में अभ्यास महत्वपूर्ण योगदान देता है। अतः इय रिवीजन के दौरान फुल सिलेबस टेस्ट नियमित अंतराल में देते रहना बेहद उपयोगी है। 25 मार्च के बाद तो प्रतिदिन 2 टेस्ट दिए जा सकते हैं।
5. फार्मूला, रिजल्ट्स प्रश्नों को हल करने में हमारी मदद करते हैं। अतः यदि कुछ फार्मूला हम बार-बार भूल जाते हैं तो उन्हें हमें अलग से लिखकर नियमित रूप से दोहराना चाहिए, न कि उपेक्षा कर छोड़ देना चाहिए।
6. मैथेमेटिक्स सकारात्मक सोच के साथ निरन्तर अभ्यास से सदैव अनुकूल परिणाम देती है। अतः किसी भी स्तर पर नकारात्मक विचार अपने मन में न आने दें।
जेईई मेन-2016 के लिए अंतिम दौर की तैयारी करते समय नेगेटिव सोच से बिल्कुल दूर रहें। सालभर आपने जो पढ़ा है, उसमें खुद की क्षमता पर पूरा विश्वास करें। जो चेप्टर अच्छी तरह याद हैं, एक बार उन्हें जरूर देख लें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा कि इतना तो मैं कर चुका हूं। बाकी चेप्टर को पढ़ने के लिए सही प्लान बना लें। केमिस्ट्री में याद रखना जरूरी है। आर्गेनिक हो या इन आर्गेनिक, अब तक जो टाॅपिक बचे हुए हैं, उनमें से सलेक्ट करें कि कौनसा चेप्टर आ सकता है। जेईई-मेन के पेपर की तैयारी के लिए केमिस्ट्री में जीत के कुछ समीकरण-
कोर्स पूरा होने के बाद प्रत्येक दिन अपनी तैयारी को तीन हिस्सों में विभक्त करें-
1. सुबह का स्लाॅट
2. दोपहर से शाम का स्लाॅट
3. शाम से रात का स्लाॅट
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