Categories: Motivational

मन में अच्छे विचारों की तस्वीर लगाएं – स्वामी ज्ञानानन्द महाराज

वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंदजी महाराज ने एलेन विद्यार्थियों को दी आध्यात्मिक उर्जा। ‘गीता से पाएं मन की प्रफुल्लता’ पर दिए सफलता के पांच सूत्र।

कोटा। ‘विद्यार्थी उम्र में मुरझाए फूल की तरह नहीं, खिलते-मुस्काराते फूल की तरह जीएं। यह उम्र जीवन का स्वर्णिम समय है। याद रखें, सीढ़ी पर चढ़ना मुश्किल है, लेकिन गिरना मुश्किल नहीं है। जरा सा पांव फिसलते ही कुछ सेंकड में आप गिर सकते हैं। गिरने के बाद फिर उपर चढ़ना ज्यादा मुश्किल हो जाता है। हम सीढ़ी को दोष नहीं दे सकते। खुद को संभलकर आगे बढ़ना होगा।’
बुधवार को एलेन के सद्भाव सभागार में वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंदजी महाराज ने ‘गीता से पाएं मन की प्रफुल्लता’ विषय पर प्रवचन देते हुए विद्यार्थियों से सीधा संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि पहली बार शैक्षणिक व धार्मिक नगरी में आने का मौका मिला। मस्तिष्क में आने वाले विचार जीवन में स्टियरिंग की तरह होते हैं। जैसा सोचेंगे वैसा बनेंगे। आप अच्छाई-बुराई जिधर मोड़ना चाहें, मुड़ सकते हैं। अर्जुन की तरह, एक सैनिक की तरह अपने विचार पाॅजिटिव रखें। अपने मन में अच्छे विचारों की तस्वीर लगाएं। निदेशक श्री गोविंद माहेश्वरी ने कहा कि हम एक-एक क्षण का सदुपयोग करें। जीवन में सफलता की परिभाषा को समझें। एकाग्रता के साथ मन को मजबूत करें। रोज गहरी सांस के साथ कुछ समय प्राणायाम भी करें।
विद्यार्थियों से हुआ संवाद
छात्र देवेश ने महाराज से पूछा कि जब अपना कोई साथी बिछुड़ जाए तो हम गीता से क्या सीख लें? इस पर महाराज ने कहा कि माता-पिता के लिए इससे बडी कोई पीड़ा नहीं हो सकती। हम सब के पास चेतना के रूप स्वयं ‘ईश्वर’ है। अपने अंदर से उन्हें प्रकट करें और मानसिक दढता के साथ विकृतियों के सामने खडा करें। स्वयं को स्वयं से जगाओ और उंचाइयों तक ले जाओ। अभी बहुत कुछ सकारात्मक भी हो रहा है, उसे देखें। कोई एक घटना सैकडों अच्छे प्रयासों को दबाने का प्रयास करती है। इसे भूलें।
सफलता के लिए दिए 5 सूत्र
1. लक्ष्य- विद्यार्थी स्वयं तय करे कि जीवन में मेरा अपना लक्ष्य क्या है।
2. कर्ता- जो पढ़ रहे हंै, उनके मन में भाव कैसे चल रहे हैं। लक्ष्य के प्रति कितने समर्पित है हम।
3. साधन- जहां पढ़ रहे हैं, वहां हमें अनुकूल साधन मिल रहे या नहीं।
4. चेष्टा- मेरे द्वारा किए जा रहे प्रयास कितने सही है। मेरी रूचि के अनुसार है या नहीं।
5. भाग्य- गीता में भाग्य को अंत में रखा है। पहले 4 साधन करो। जब हम अपने निश्चय पूरे करेंगे तो भाग्य भी साथ देता है।

गीता में है कामयाबी की मूल बातें-
– कई बार पढ़ते हुए हम पहले से कई सवाल अपने सामने खडे़ कर लेते हैं। जो अंदर निराशा पैदा करते हैं। इससे ध्यान पढाई पर फोकस न होकर भविष्य पर चला जाता है।
– हमारा मन तो एक है, उसे इतने सारे प्रश्नों में उलझा देते हैं। मन में स्वाभाविक प्रफुल्लता रखें।
– शरीर की सुविधाएं तो बढ़ रही है, लेकिन क्षमताएं कम हो रही हैं। शरीर को कर्मठ बनाएं और आलस्य दूर कर अलर्ट बनें।
– गीता अंदर की आस्था है तो बाहर निकालने का रास्ता भी है।
– मन कमजोर है तो केवल पाॅजिटिव विचार की इसकी उर्जा है।
– कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञान योग से आगे बढ़ते रहें।
– भविष्य की एनर्जी वर्तमान में लगाओ।

Administrator

Recent Posts

JEE Advanced 2025 Information Brochure Released: Registration Begins April 23

Overview of the JEE (Advanced) 2025 Information Brochure The JEE (Advanced) 2025 Information Brochure, prepared…

1 day ago

Reforming National Common Entrance Testing in India: A Leap Towards Excellence

Revolutionizing Entrance Exams in India: Comprehensive Reforms for a Fairer Future The landscape of education…

1 day ago

NEET UG 2025 Syllabus Released by the NMC

NEET UG 2025 Syllabus: A Subject-Wise Breakdown for Exam Preparation The National Medical Commission (NMC),…

5 days ago

Padma Bhushan Abhinav Bindra honored the talent of the country at ALLEN

Allen Tallentex Award Ceremony and Success Power Session Failure is the real lesson, happiness is…

6 days ago

Effective Techniques for Preparation of NEET-UG Notes

Making Notes for Preparation of the Competition Examination is Proven Success Formula Preparing for NEET…

1 week ago

CUET UG Exam 2025: UGC Declares Major Changes

CUET UG Exam 2025 will be held in CBT Mode UGC has announced several key changes…

1 week ago