नेशनल एक्सपर्ट – श्री बृजेश माहेश्वरी,
निदेशक
एलेन कॅरिअर इंस्टीट्यूट
आप कॅरिअर में नेशनल लेवल के क्वालिटी इंस्टीट्यूट से अच्छे टेक्नोक्रेट या इंजीनियर बनने की तैयारी कर रहे हैं तो एक या दो वर्ष से की जा रही आपकी साधना और तपस्या मंजिल तक अवश्य पहुंचाएगी। बस, अगले दो-तीन माह एकाग्रता के साथ रिहर्सल करने में जुट जाएं। इन दिनों केवल स्वयं की तैयारी पर फोकस करें। पैटर्न चाहे जो भी हों, सब्जेक्ट तो वही रहेंगे। इसलिए जीत से कोई रोक नहीं सकता। आप समय की नब्ज और ताकत को ठीक से पहचानें। जोश और होश में पूरा तालमेल रखें। विल के साथ अपनी पाॅवर भी जोड़ दें। कोशिश करें कि मोबाइल, फेसबुक, वाट्सएप या मूवी आदि से दूर रहें। नेचुुरल स्किल के साथ तनावरहित होकर नियमित शैड्यूल के अनुसार पढें। अपनी चाहत को हकीकत में बदलने के लिए हमारी मुस्कान ही सबसे अच्छा टाॅनिक है। नए साल में जोश-जुनून और पाॅजिटिव एनर्जी के साथ सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण इम्तिहान देने के लिए कुछ प्रभावी मंत्र-
ऐसे करें डे-प्लानिंग –
- अपने हर दिन की शुरूआत मुस्कान के साथ करें। रोज सुबह कांच के सामने खडे़ हो जाएं और कम से कम 5 मिनट तक ठहाके लगाएं। हंसी के ये पल आपको बेलेंस कर देंगे। किसी विजेता की तरह चेहरे पर मुस्कान लेकर बाहर निकलें।
- रोज सुबह-शाम 5 मिनट लंबी सांस लेते हुए मेडिटेशन करें।
- नियमित टाइमटेबल बना लें। प्रत्येक सब्जेक्ट के लिए समय का समान बंटवारा करें। पढ़ते समय थ्योरी के साथ न्यूमेरिकल प्राॅब्लम का भी ध्यान रखें। शुरूआत बेसिक्स से ही करें।
- अंतिम तैयारी के लिए हमेशा सही ट्रेक चुनें और उपयुक्त बेसिक्स को मजबूत करें।
सही रणनीति से दें पेपर – - परीक्षा के दिनों में बोल्ड, कूल, रिलेक्स, काॅन्फिडेंट और पाॅजिटिव रहने से आपको हर पल नई एनर्जी मिलेगी।
- किसी प्रश्न में तुरंत उत्तर देने को प्राथमिकता न दें, पहले उसे हल करने का सही प्रयास करें। हमेशा दूसरे और तीसरे प्रयास करके हल को अंतिम मानें।
- किसी प्रश्न को बीच में नहीं छोडे़ं। एक से दूसरे प्रश्न तक पहुंचने में जल्दबाजी करना ठीक नहीं।
- कई स्टूडेंट्स प्रश्न को पूरा समझने से पहले उसे हल करने की प्रेक्टिस में जुट जाते हैं, यह गलत है।
- आजकल पेपर में प्रश्न पढ़ने में ही गलती हो जाती है। याद रखें, पेपर को पढ़ने मैं ही उसे साॅल्व करने का तरीका छिपा होता है।
हर स्तर पर रहें पाॅजिटिव – - हर स्तर पर पाॅजिटिव बने रहने के बारे में हमेशा सोचें। एक बात मन में रखें- जब समय आएगा, मैं वैसा ही प्रयास करूंगा, जैसा मैं बनना चाहता हूं।
- हताशा को मन से दूर भगाएं। कभी यह नहीं सोचें कि मैं सलेक्ट हो पाउंगा या नहीं। हमेशा यह सोचें कि मैं अपने हार्डवर्क और नियोजित ढंग से की गई तैयारी के दम पर सलेक्ट होकर दिखाउंगा।
- मुझे खुद पर, अपनी मेहनत पर, अपने शिक्षक पर और सबसे महत्वपूर्ण मेरे ईश्वर पर पूरा विश्वास है।
रिवीजन एक चाबी की तरह- - मन की शांति हमारी कई समस्याओं का समाधान है। मुस्कान से हम हर समस्या को हल कर सकते हैं। चुनौतियों को स्वीकार करे, इससे अपनी कमजोरियों को दूर कर सकेंगे। अगले रिहर्सल टेस्ट के लिए अपना 100 प्रतिशत प्रयास करें।
- भविष्य के डर के साथ कोई टेस्ट नहीं दें। इसे एक दर्पण की तरह देखें, ताकि जैसे ही यह आपके पास आए, मुस्कान बिखेर दे।
- किसी एग्जाम का ताला खोलने के लिए रिवीजन एक चाबी है। परीक्षा से कुछ माह पूर्व नियोजित रिवीजन शैड्यूल बना लें और पढ़ाई के साथ सही विश्राम करना कभी न भूलें।
टाइम मैनेजमेंट में रहें आगे- - परीक्षा के दिनों में ध्यान रखें कि टाइम ही सब कुछ है। समय खराब करने वाली गतिविधियों से दूर रहने का प्रयास करें। ध्यान रहे, हमारे लिए समय धन से कीमती और शहद से भी ज्यादा मीठा है।
- देर रात तक पढ़ने की आदत नहीं बनाएं। इसकी बजाय, सुबह 6 बजे उठकर पढें और रात 11 बजे सो जाएं। इससे सुबह के समय आपका मस्तिष्क ज्यादा एक्टिव रहेगा और जेईई का पेपर देने में आसानी रहेगी।
- प्रतिदिन कम से कम 6 से 7 घंटे नींद अवश्य लें। अन्यथा अगले दिन आप एकाग्र नहीं हो पाएंगे।
- रोज सुबह एक्स्ट़ा इनिंग की तरह फ्रेश मूड से पढ़ो।
प्रफुल्लित होकर पढ़ें – - अपनी पढ़ाई करते हुए हमेशा प्रफुल्लित रहें, प्रेशर में नहीं। आपकी पढ़ाई जीवन में आपको इतनी खुशियां दे सकती है, जिसे आप माप नहीं सकते। अपने अच्छे कॅरिअर के लिए इस पढ़ाई को हमने अपनी रूचि से चुना है, इसलिए इसका आनंद लें।
फाइनल टेस्ट के लिए करें दो राउंड की तैयारी- - आप किसी भी मुकाबले को धैर्य और आत्मविश्वास के साथ जीत सकते हो। लेकिन इसके लिए सटीक प्लानिंग बनाना आवश्यक है।
- आप जब भी कोई एग्जाम देते हैं- माॅक टेस्ट या फाइनल टेस्ट, हमेशा दो राउंड में पेपर को हल करने का प्रयास करें।
- पहले राउंड में केवल मैमोरी और नाॅलेज पर आधारित प्रश्न अथवा ऐसे प्रश्न, जिनमें कैलकुलेशन कम हों और आपको हल करने का 100 प्रतिशत विश्वास हो। इससे दूसरे राउंड में मुश्किल सवाल हल करने के लिए आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा। क्योंकि आपको पता है आप आसान और इससे कम मुश्किल क्वेश्चन तो हल कर चुके हैं।
- दूसरे राउंड में यदि आपको किसी क्वेश्चन के बारे में कोई संशय है तो उसे छोड़ दें।
- अपना पेपर कुछ समय पहले हल करने का प्रयास करें ताकि सभी आंसर को आप एक बार फिर से देख सकें या रिव्यू कर सकें।
- यदि अपनी रणनीति को सही प्लान के साथ लागू किया तो फाइनल टेस्ट के पेपर में एक भी क्वेश्चन छूटेगा नहीं। क्योंकि घर में आप टाइम मैनेजमेंट की प्रेक्टिस कर चुके हैं।
- परीक्षा से पूर्व पेरेंट्स अपने बच्चों की मेहनत और क्षमता पर पूरा विश्वास रखें। घर में उनको प्रोत्साहित करते हुए हौसला बढाएं। घर में पढ़ाई का पाॅजिटिव वातावरण देने का प्रयास करें।
- अंत में याद रखें, आपकी अनुमति के बिना कोई भी आपको आहत नहीं कर सकता। इसलिए विजयी मुस्कान के साथ पेपर की अंतिम तैयारी करते रहें। हर पल… हर दिन।
गणित में सफलता के सूत्र
जेईई-मेन देश का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम है। इसमें विषय की गहराई की तुलना में विस्तार को अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें कठिन एवं जटिल प्रश्नों की संख्या नगण्य होती है जबकि स्पष्ट एवं पारम्परिक प्रश्नों की बहुतायत होती है, ऐसेे प्रश्न विषय की ठीक-ठीक जानकारी रखने वाले विद्यार्थी के लिए सम्भव होता है। इसमें सभी टाॅपिक्स को कवर करने का प्रयास होता है, न कि जेईई-एडवांस्ड की तरह जिसमें कुछ खास टाॅपिक्स को अधिक अहमियत दी जाती है। जेईई-मेन में लगभग हर चेप्टर से 1-2 प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। इसलिए सारे चेप्टर एवं टाॅपिक्स को कवर करते हुए तैयारी करें। इन दिनों रिवाइज करते समय निम्न बिंदुओं का विशेष घ्यान रखें-
1. यदि कोई चेप्टर किसी कारणवश पढ़ने से रह गया हो तो उसे पूरा करें। चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं, केवल प्रयास करें। आप स्वयं भी चेप्टर तैयार कर सकते हैं और यदि कोई हेल्प मिल जाए तो और अच्छा। चेप्टर तैयार करने का सरल सा तरीका है- पहले थ्योरी पढ़े, उसमें आए प्रत्येक रिजल्ट, थ्योरम को डिराइव करें। उसके लाॅजिकल पहलू पर विचार करें, उसके पश्चात् उस पर आधारित प्रश्न करें। ध्यान रहे, कोई चेप्टर छूटना नहीं चाहिए।
2. जेईई-मेन में पिछले सालों के जेईई-एडवांस्ड के प्रश्नों को पूछे जाने का चलन है। इसलिए पिछले 15-20 वर्षों के जेईई-एडवांस्ड के पेपर करना अत्यंत फायदेमंद रहता है। साथ ही पिछले वर्षों के जेईई-मेन आॅफलाइन या आॅनलाइन के पेपर्स भी टेस्ट के तौर पर नियमित अंतराल में (2-4 दिन में एक) देते रहना चाहिए। इससे हमें हमारी तैयारी करने की दिशा तय करने में मदद मिलती है और तैयारी के स्तर का आंकलन करने का मौका भी मिलता है।
3. रिवीजन शुरू करने से पहले रिवीजन का पूरा शैड्यूल बना लें। मैथ्स में लगभग 32 चेप्टर हैं, जिनके लिए लगभग 40 से 50 दिन का समय पर्याप्त है। हर चेप्टर की थ्योरी को रिवाइज करें। फाॅर्मूला थ्योरम आदि याद करें। फिर प्रत्येक चेप्टर पर आधारित अपने पहले से किए हुए ऐसे प्रश्न जो पहली बार में नहीं हुए, उन्हें करते हुए जाएं। यह सुनिश्चित करें कि यह सब 25 मार्च तक समाप्त हो जाए।
4. जेईई-मेन में स्पीड का बहुत महत्व है। स्पीड बढ़ाने में अभ्यास महत्वपूर्ण योगदान देता है। अतः इय रिवीजन के दौरान फुल सिलेबस टेस्ट नियमित अंतराल में देते रहना बेहद उपयोगी है। 25 मार्च के बाद तो प्रतिदिन 2 टेस्ट दिए जा सकते हैं।
5. फार्मूला, रिजल्ट्स प्रश्नों को हल करने में हमारी मदद करते हैं। अतः यदि कुछ फार्मूला हम बार-बार भूल जाते हैं तो उन्हें हमें अलग से लिखकर नियमित रूप से दोहराना चाहिए, न कि उपेक्षा कर छोड़ देना चाहिए।
6. मैथेमेटिक्स सकारात्मक सोच के साथ निरन्तर अभ्यास से सदैव अनुकूल परिणाम देती है। अतः किसी भी स्तर पर नकारात्मक विचार अपने मन में न आने दें।
केमिस्ट्री से बनाएं जीत की मिस्ट्री
जेईई मेन-2016 के लिए अंतिम दौर की तैयारी करते समय नेगेटिव सोच से बिल्कुल दूर रहें। सालभर आपने जो पढ़ा है, उसमें खुद की क्षमता पर पूरा विश्वास करें। जो चेप्टर अच्छी तरह याद हैं, एक बार उन्हें जरूर देख लें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा कि इतना तो मैं कर चुका हूं। बाकी चेप्टर को पढ़ने के लिए सही प्लान बना लें। केमिस्ट्री में याद रखना जरूरी है। आर्गेनिक हो या इन आर्गेनिक, अब तक जो टाॅपिक बचे हुए हैं, उनमें से सलेक्ट करें कि कौनसा चेप्टर आ सकता है। जेईई-मेन के पेपर की तैयारी के लिए केमिस्ट्री में जीत के कुछ समीकरण-
- इन दिनों पढ़ते हुए करंट टाॅपिक पर ध्यान दें। यही महत्वपूर्ण है।
- रिवाइज ऐसे करें कि कंसेप्ट पूरी तरह क्लिअर हो जाए। जरूरत होने पर फैकल्टी से मिलकर डाउट दूर कर लें।
- पेपर में पुराना तो आता नहीं है, इसे पढ़ने से क्या फायदा। ऐसा सोचना गलत हो सकता है।
- किसी भी टाॅपिक को पढ़ते समय उसे कम्पलीट करने के बारे में सोचें। नेगेटिव बातों का मन से निकाल दें।
कोर्स पूरा होने के बाद प्रत्येक दिन अपनी तैयारी को तीन हिस्सों में विभक्त करें-
1. सुबह का स्लाॅट
2. दोपहर से शाम का स्लाॅट
3. शाम से रात का स्लाॅट
- केमिस्ट्री के लिए सुबह के स्लाॅट का समय चुनें। आपका मूड फ्रेश रहेगा तो केमिस्ट्री का हर टाॅपिक याद हो जाएगा।
- जेईई-मेन के तीनों सब्जेक्ट पर एक समान फोकस करते हुए रिवीजन करें।
- केमिस्ट्री में नोट्स रिवाइज करने पर ज्यादा ध्यान दें।
- रिवीजन के समय शीट्स और रेज को ही दोबारा करने का प्रयास करें।
- याद रखें, जो प्रश्न अच्छे हैं लेकिन तत्काल हल नहीं हो रहे हैं, उन्हें पेन से मार्क करते चलें। बाकी प्रश्न करने के बाद उन्हें दोबारा करने का प्रयास करें।-जेईई नेशनल एक्सपर्ट पैनल, एलेन कॅरिअर इंस्टीट्यूट।