हिन्दी के पेपर में अच्छा स्कोर हासिल करने के प्रभावी तरीके
कक्षा 12वीं टर्म-2 की परीक्षाएं नजदीक हैं। विद्यार्थी इन दिनों परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। अन्य विषयों के साथ हिन्दी भी ऐसा विषय है, जिसमें यदि विद्यार्थी योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करे तो सौ प्रतिशत अंक हासिल कर सकता है। परीक्षा नजदीक है, ऐसे में परीक्षा से कुछ दिन पहले किस तरह से तैयारी हो इसके लिए महत्वपूर्ण टिप्स दी जा रही हैं, जिनकी मदद से विद्यार्थी हिन्दी विषय की प्रभावी तरीके से तैयारी कर अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं।
सिलेबस के अनुसार स्टडी प्लान
सबसे पहले विद्यार्थी हिन्दी विषय में टर्म-2 के सिलेबस पर नजर डालें, क्योंकि इस बार परीक्षा पद्धति में बदलाव हुआ है। पेपर दो टर्म में हो रहे हैं। टर्म-1 दे चुके हैं और अब टर्म-2 की परीक्षा होगी। अतः विद्यार्थी को निम्न सवालों की जानकारी होना बहुत जरुरी है। यह आपकी जागरूकता को भी दर्शाती है।
- टर्म-2 हिन्दी विषय का पाठ्यक्रम क्या है?
- प्रश्नपत्र कितने अंकों का है?
- किस-किस भाग का कितना-कितना अंक निर्धारित है?
- प्रश्नपत्र में कितने अंक होंगे?
- प्रश्नपत्र हल करने के कितने अंक निधारित किए गए हैं?
- आरोह पुस्तक से कितने प्रश्न आएंगे?
- अनुपूरक पुस्तक वितान से कितने प्रश्न आएंगे?
- अभिव्यक्ति और माध्यम से किस-किस विषय पर प्रश्न पूछे जाएंगे?
ऐसा होगा पेपर पैटर्न
हिन्दी विषय के प्रश्नपत्र के लिए 40 अंक निर्धारित किए गए हैं एवं समयावधि दो घंटे होगी। इसके अलावा कुल सात प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों में आंतरिक विकल्प भी होंगे यानी विद्यार्थी के सामने एक से अधिक विकल्प होंगे।
प्रश्नपत्र का क्रम
- पहला प्रश्न रचनात्मक लेखन से होगा, जिसमें विद्यार्थी को तीन विकल्पों में से एक विकल्प चुनना है। यह पांच अंक का होगा। सबसे जरूरी ध्यान रखने योग्य बात यह है कि इसका कोई निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं होता। विद्यार्थी को वर्तमान के ज्वलंत, सामाजिक व राष्ट्रीय मुद्दों की जानकारी होनी चाहिए। आपको अपने व्यक्तिक विचारों के अनुसार शब्दों की अभिव्यक्ति देनी होगी, जोकि आपके व्यक्तिगत कौशल पर निर्भर करता है। अत्तर आपको लगभग 200 शब्दों में लिखना होता है।
- दूसरा प्रश्न, पत्र-लेखन का होगा, जिसमें दो प्रश्न पूछे जाएंगे और विद्यार्थी को यहां विकल्प दिया जाएगा। विद्यार्थी अपनी सहूलियत अनुसार कोई भी एक प्रश्न हल कर सकता है। यह प्रश्न 5 अंकों का होगा, जिसमें आपसे औपचारिक-अनौपचारिक एवं कार्यालयी पत्र लिखवाए जा सकते हैं।
- तीसरा प्रश्न कहानी नाटक की रचना प्रक्रिया से संबंधित होगा, जोकि दो भागों में विभाजित होगा। प्रश्न एक 3 अंक व दूसरा 2 अंक का होगा। दोनों प्रश्नों में भी विकल्प की सुविधा उपलब्ध होगी। इस प्रश्न में विद्यार्थी से नाटक और कहानी की परिभाषा एवं इसके आवश्यक तत्वों की जानकारी अपेक्षित है। यह सूचनात्मक है। इसलिए अनर्गल बातें जोड़कर उत्तर देने की जगह जो निर्धारित उत्तर है, वही दें।
- चौथा प्रश्न समाचार फीचर और आलेख लेखन से संबंधित होगा, जोकि दो भागों में विभाजित होगा। एक प्रश्न 3 व दूसरा 2 अंक का होगा। दोनों प्रश्नों में भी विकल्प की सुविधा उपलब्ध होगी। दोनों प्रश्न वर्णात्मक जानकारी के होंगे। इसलिए इधर-उधर की बातें एवं काल्पनिक बातों की गुंजाइश नहीं है, सिर्फ निर्धारित उत्तर दें। इन प्रश्नों के सही उत्तर के लिए अच्छे से पढ़ना एवं उत्तर को याद भी रखना है।
- आरोह आपकी निर्धारित पाठ्य पुस्तक है, जिसके दो भाग हैं। एक होगा पद्य अर्थात काव्य खंड एवं दूसरा गद्य, टर्म-1 एवं 2 के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम निर्धारित है। पांचवा और छठा प्रश्न आरोह पुस्तक से पूछा जाएगा। पांचवा प्रश्न आरोह पुस्तक के खंड काव्य से होगा, जिसमें आपको तीन प्रश्न दिए जाएंगे लेकिन आपको कोई भी दो प्रश्नों का उत्तर देना है। प्रत्येक प्रश्न 3-3 अंक का होगा एवं प्रत्येक का उत्तर आपको 50-60 शब्दों में लिखना है यानी पांच से छह पंक्तियां। शब्द सीमा में उत्तर देना अपेक्षित है। यह आपके कौशल को भी दर्शाता है। टर्म-2 के लिए काव्य खंड में आपको यह ध्यान रखना होगा कि कौनसी कविताएं पाठ्यक्रम से हटा दी गई हैं एवं कौनसी कविताएं शामिल हैं। शमशेर बहादुर सिंह की ‘उषा’ एवं तुलसीदासजी की ‘कवितावली’, ‘लक्ष्मण मूर्छा-राम विलाप’ टर्म-2 में सम्मिलित हैं। इसके अलावा फिराक गोरखपुरी की ‘रूबाइयां-गजल’ भी टर्म-2 में है, जबकि रामधारी सिंह दिनकर की ‘बादल राग’ तथा उमाशंकर जोशी की छोटा मेरा खेत तथा ‘बगुलों के पंख’ इस वर्ष परीक्षा में सम्मिलित नहीं है। इसलिए इनकी तैयारी नहीं करें।
- छठा प्रश्न आरोह पुस्तक के गद्य खंड से होगा, जिसमें 4 प्रश्न आएंगे और विद्यार्थी को इनमें से कोई भी तीन प्रश्न हल करने होंगे। यहां भी प्रत्येक प्रश्न 3-3 अंक का होगा एवं प्रत्येक का उत्तर आपको 50-60 शब्दों में लिखना है। गद्य खंड से फणीश्वर नाथ रेणु का पाठ ‘पहलवान की ढोलक’, रजिया सज्जाद जहीर का पाठ ‘नमक’ तथा भीमराव अंबेडकर का ‘जाति प्रथा श्रम विभाजन’ नामक पाठ टर्म 2 के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं, जबकि विष्णु खरे का पाठ ‘चार्ली चैपलिन यानी हम सब’ और हजारी प्रसाद द्विवेदी का पाठ शिरीष के फूल सम्मिलित नहीं है।
- सातवें प्रश्न में अनुपूरक पुस्तक वितान से दो प्रश्न पूछे जाएंगे। एक प्रश्न 3 व दूसरा 2 अंक का होगा। दोनों प्रश्नों में भी विकल्प की सुविधा उपलब्ध होगी। अनुपूरक पुस्तक वितान से ओम थानवी का ‘अतीत में दबे पांव’ (ओम एवं ऐन फ्रैंक की ‘डायरी के पन्ने ही पाठ्यक्रम में सम्मिलित है।
एक बार पद्य भाग की कविताओं का अध्ययन कर संभावित प्रश्न-उत्तर पढ़ लें। इसी प्रकार गद्य भाग के तीनों पाठ और उनके संभावित प्रश्न-उत्तर पढ़ ले। इसके बाद अनुपूरक पुस्तक वितान के दोनों पाठ पढ़कर प्रश्न उत्तर कर लीजिए। अवसर निकालकर कुछ प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा शैली में लिखने का अभ्यास भी अवश्य कीजिए।
रचनात्मक लेखन के लिए राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर सूचनाओं का संग्रह कीजिए और उसे लिखकर अभिव्यक्त करने का अभ्यास कीजिए।
अभिव्यक्ति माध्यम से कहानी नाटक रचना प्रक्रिया से सम्बंधित, पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया, नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन और पत्र पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं।
विगत वर्षों के कुछ परीक्षा प्रश्न पत्र हल कर आप अपनी स्थिति का आकलन कर सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट लें कठिन व जटिल लगने वाले प्रश्नों की लिस्ट बना लें और इन प्रश्नों के उत्तर को थोड़े-थोड़े अंतराल में दोहराते रहें, ऐसा करने से कठिन व जटिल लगने वाले प्रश्न भी सरल लगने लगेंगे और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। रिविजन है सबसे महत्वपूर्ण इसलिए दोहराव और प्रश्न पत्र को हल करने के अभ्यास को आदत बनाएं, सहायक पुस्तक में लिखे उत्तर रटने की अपेक्षा स्वयं की भाषा शैली में उत्तर देने का अभ्यास कीजिये, इससे आपकी कल्पनाशक्ति और विचारों की शब्दाभिव्यक्ति करने का अभ्यास होगा।
यह भी ध्यान रखें
- ध्यान केन्द्रित कर पाठों का मूल भाव कंठस्थ करें।
- परीक्षा को सरल सुगम बनाने के प्रश्न पत्र के प्रारूप को समझें एवं संक्षिप्त और सारगर्भित नोट्स बनाएं।
- अर्थग्रहण क्षमता विकसित करें एवं शब्द ज्ञान और भाषा कौशल में अभिवृद्धि करें।
- उत्तर लिखते समय भाषा में प्रवाह हो, ऐसा अभ्यास करें एवं पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करें।
- प्राथमिकता के अनुसार अध्ययन करें। हिंदी विषय को अन्य विषयों की तुलना में कम ही सही किन्तु नियमित अध्ययन के लिए समय निर्धारित करें।
- पूरे सिलेबस की जानकारी रखें एवं लगातार एक ही विषय ना पढ़ें।
- स्टैंडर्ड सहायक पुस्तकों को ही फॉलो करें एवं जरूरी सवालों की लिस्ट बनाएं।
- एग्जाम के दिनों के लिए रेगुलर प्लानिंग से अलग प्लान करें।
- परफॉर्मेंस एनालिसिस करते रहें और जहां आवश्यकता हो उसमें सुधार करते रहें।
- मन को हमेशा स्थिर रखें और हमेशा सकारात्मक सोचें।
- ज्यादा पढ़ना सक्सेस की गारंटी नहीं हो सकती किन्तु सुनियोजित तरीके से नियमित अध्ययन करना सफलता को सुनिश्चित करता है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हम कितना पढ़ रहे हैं, महत्वपूर्ण यह है कि हम पढ़ कैसे रहे है ?
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