सद्भाव सत्र: एलेन में राधास्वरूपा बालिका जया किशोरी ने गुरूवार (24.12.15) को ‘भक्ति से विजयश्री’ पर दिए प्रवचन।
कोटा। ‘हमारे माता-पिता अपने सपने छोड़ देते हैं, आपके सपने पूरे करने के लिए। जब वे अच्छी पढ़ाई नहीं कर सके तो चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी पढ़ाई करें। इसलिए हमें विद्यार्थी जीवन में सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ना होगा।’ गुरूवार को एलेन के सद्भाव सत्र में राधास्वरूपा बालिका जया किशोरी ने विद्यार्थियों से कहा कि वह स्वयं काॅलेज जाती है, इसलिए एग्जाम के प्रेशर को अच्छी तरह समझती है।
उन्होंने ‘भक्ति से विजयश्री’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मेहनत करना आपके हाथ में है लेकिन बीच में यदि बीमार पड़ जाएं तो यह आपके हाथ में नहीं है, ऐसे अवरोध ईश्वर दूर करता है। इसलिए भगवान पर विश्वास रखेंगे तो हमारे कदम गलत दिशा में जाने से रूक जाएंगे। इन दिनों पढ़ाई के साथ दूसरे साधनों को अपना रहे हैं। लेकिन अपने परिवार और अपनी चीजों को मत भूलो। एक नेक इंसान बनने के बाद कोई आपको आदर्श माने, यही आपके जीवन सफलता है। उनके भजन-‘ तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है, ओ मां…प्यारी मां… सुनाया तो विद्यार्थियों ने साथ-साथ गुनगुनाया। उन्होंने कहा कि जब माता-पिता को एक उम्र के बाद जीवन में तुम्हारी जरूरत महसूस होती है, उस उम्र में हम उन्हें वृद्ध-आश्रम की राह दिखा देते हैं। हम परिवार की रचना को भूल रहे हैं।
अंत में भजन- मेरी लगी श्याम संग प्रीत, दुनिया क्या जाने… सुनाया तो सभागार में सभी विद्यार्थी भावविभोर हो देर तक झूमते रहे। निदेशक श्री गोविंद माहेश्वरी ने कहा कि हमारी खुशी, हमारा आचरण और चरित्र ही हमें सफल इंसान बनाता है। मन को प्रफुल्ल रखने के लिए मन में श्रद्धा भक्ति रखें। भक्ति हमेशा सच्चाई कीे ओर अग्रसर करती है। इस अवसर पर जया किशोरी का फलों की टोकरियों से अभिनंदन किया गया, बाद में ये फल अनाथ आश्रम के बच्चों को वितरित किए गए।